न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है। सुविधाएं नहीं होने और कुप्रबंध के चलते मरीज काफी परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को तो मरीज इस कदर परेशान हुए कि उन्होंने इसकी शिकायत अस्पताल के अधीक्षक से की। लेकिन कोई फायदा नहीं निकला। कपाली की रहने वाली एक महिला अपना इलाज कराने आई थी। डॉक्टर ने उसे देखा और पानी चढ़ाने को कहा। महिला को पानी चढ़ा कर उसे बाहर कुर्सी पर बैठा दिया गया। महिला चिल्लाती रही कि उसको चक्कर आ रहा है। वह देखना चाहती है। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि यहां बेड नहीं है। आपको कुर्सी पर बाहर बैठना होगा। इसके बाद मजबूरन महिला खुद ही अपने हाथ में पानी पकड़े हुए बाहर बैठी रही।
घायल अर्जुन को नहीं मिला बेड स्ट्रेचर पर ही तड़पता रह गया
मंगलवार की सुबह गम्हरिया में अर्जुन का एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने इलाज कर दिया। लेकिन, गंभीर रूप से घायल अर्जुन के लिए भी बेड नहीं था। इस पर तय किया गया कि अर्जुन को स्ट्रेचर पर ही लेटे रहने दिया जाए। नहीं होने की वजह से वह स्ट्रेचर पर ही लेटा रहा। पहले तो डाक्टरों ने कहा कि स्ट्रेचर खाली करो। मरीज को जमीन पर लेटा दो। लेकिन परिजनों ने कहा कि अर्जुन का हाथ भी टूटा हुआ है। पैर की हड्डी टूटी है। सर में गंभीर चोट है। उसको किस तरह जमीन में उतारकर लिटाया जाए।
इमरजेंसी की तरफ जाने वाला रास्ता ऊबड़ खाबड़ अटक जाता है स्ट्रेचर
एमजीएम अस्पताल की इमरजेंसी के अंदर जाने के रास्ते में गेट के पास प्लास्टर उखड़ गया है। इससे वहां जमीन असमतल हो गई है। घायल मरीजों को स्ट्रेचर पर जब ले जाया जाता है तो वहां स्ट्रेचर अटक जाता है। स्ट्रेचर को उठा कर ऊपर करना पड़ता है। इससे काफी परेशानी होती है। कई परिजन इसे लेकर शोरगुल मचा चुके हैं। हंगामा हो चुका है। लेकिन अभी तक एमजीएम प्रबंधन ने गेट के पास जमीन को समतल नहीं कराया है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पूर्वी के ही विधायक हैं। इसके बावजूद एमजीएम अस्पताल की हालत नहीं सुधर रही है। तो फिर शायद ही कभी सुधर सके।