न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद शमीम उर्फ शमीम जमशेदपुरी ने बुधवार की सुबह 5:30 बजे दुनिया को अलविदा कह दिया। दिल का दौरा पड़ने के बाद जमशेदपुर के ब्रह्मानंद अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वह 53 साल के थे। शमीम जमशेदपुरी अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों समेत भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। शमीम जमशेदपुरी अपने हंसमुख मिजाज के लिए हमेशा जाने जाते थे। सोमवार को आधी रात के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें ब्रह्मानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद तीन ब्लॉकेज पाया गया था। दो ब्लॉकेज उन्हें पहले से था। यहां उनका इलाज चल रहा था। जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। शमीम जमशेदपुरी की जनाजे की नमाज धतकीडीह मक्का मस्जिद में होगी। यह नमाज असर के बाद होगी और धतकीडीह कब्रिस्तान में बुधवार की शाम 4:30 बजे उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। शमीम जमशेदपुर कलम के काफी धनी माने जाते थे। उन्होंने जमशेदपुर में स्पोर्ट के लिए रिपोर्टिंग की। उनकी ख़बरें काफी पठनीय होती थीं। जमशेदपुर एजुकेशन और धर्म कर्म की बीट पर भी काम किया। मुस्लिम होने के बावजूद धर्म की खबरें वह काफी अच्छे से लिखते थे। उन्होंने हिंदू धर्म पर और हिंदू पर्व पर काफी एक्सक्लूसिव खबरें दीं, जिसे पढ़कर सभी लोग दंग रह जाते थे कि शमीम नाम का पत्रकार भी हिंदू धर्म पर इस तरह की एक्सक्लूसिव खबरें बना सकता है। शमीम जमशेदपुरी जब भी अपने पेट पर खबरें लिखते थे तो वह उर्दू में लिखते थे। हिंदी की तरह उर्दू पर भी उनकी तगड़ी पकड़ थी। गौरतलब है कि कोरोना काल के बाद से बड़े बैनर के अखबारों का माहौल बदला हुआ है। पत्रकार तनाव के बीच काम कर रहे हैं। हालात यह है कि राजधानी के एक बड़े बैनर से एक साथ 7-8 बड़े नामी पत्रकारों ने इस्तीफा दिया और पोर्टल ज्वाइन कर लिया। इनमें से एक पत्रकार ने कारण पूछने पर बताया था कि जितना तनाव दिया जा रहा है। वह उनके बस का नहीं है।