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नौ लाख रुपए से बढ़कर 24 लाख रुपए सालाना हो जाएगी लाइसेंस की राशि
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : झारखंड में उत्पाद विभाग छत्तीसगढ़ के मॉडल को लागू करने की योजना बना रहा है। इसके तहत शहर की आबादी के हिसाब से बार का लाइसेंस शुल्क रखा जाएगा। उत्पाद विभाग के छत्तीसगढ़ मॉडल से प्रदेश के रेस्त्रां व बार मालिक डर गए हैं। बार मालिकों का कहना है कि आबादी के हिसाब से लाइसेंस शुल्क रखने पर राजधानी रांची समेत प्रदेश के कई बार बंद हो जाएंगे। उनका कहना है कि अभी तीन लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहर में बार की लाइसेंस फीस नौ लाख रुपए सालाना है। छत्तीसगढ़ी मॉडल लागू करने पर यह शुल्क 24 लाख रुपए प्रतिवर्ष हो जाएगा। अगर माल में बार खुला हुआ है, तो इसका शुल्क 31 लाख रुपए सालाना होगा। इसके अलावा व्यवसायियों को हर महीने शराब के उठाव का कोटा भी तय करना होगा। छत्तीसगढ़ी मॉडल को झारखंड में लागू करने का विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को झारखंड बार एवं रेस्त्रां एसोसिएशन ने रांची के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के अध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि सरकार सिर्फ राजस्व को ध्यान में रख रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह देखे कि रेस्तरां और बार में कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है। कर्मचारी के अलावा दूध, पनीर, मटन, चिकन, सब्जी और रिक्शा वालों का कारोबार भी इससे जुड़ा है। सरकार अगर लाइसेंस शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि करती है तो एक अप्रैल से राज्य के सभी बार खुद अपना बार बंद कर देंगे। झारखंड बार एवं रेस्त्रां संघ के प्रवक्ता अमित सिंह ने कहा कि लाइसेंस शुल्क नौ लाख रुपए से बढ़ाकर 24 लाख रुपए या 31 लाख रुपए करने का सरकार का फैसला पूरी तरह से गलत है। सरकार को उद्यम को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार रोजगार धंधे बंद करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से कारोबार खस्ताहाल हो चुका है। इन तीन साल में बार डेढ़ साल तक बंद रहे और अब सरकार की नीति के चलते बार मालिकों की कमर टूट जाएगी। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। पीने वालों का क्या, वह सड़कों के किनारे, ढाबे में या अपनी कार में बैठ कर पिएंगे। इससे एक्सीडेंट भी बढ़ेगा। क्राइम भी बढ़ेगा। संघ के संरक्षक गुरचरण सिंह ने कहा कि बार की लाइसेंस फीस बढ़ाने और कोटे के निर्धारण से कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र साहू, सलाहकार रमाशंकर सिंह, संरक्षक विजय वर्मा समेत रांची, धनबाद और अन्य जिले के बार संचालक मौजूद थे।