जमशेदपुर: आज के दौर में इंसान स्वार्थी हो गया है। मतलब के सिवा कुछ नहीं करता। लेकिन, पांच प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। ऐसे ही लोगों में एक हैं पोटका के हकाई प्राइमरी स्कूल के रिटायर्ड हेड मास्टर जय राम मांझी स्कूल से रिटायर हुए तो ग्रामीण भाव विभोर होकर रो पड़े। उनके ऐतिहासिक विदाई समारोह (Historic Farewell) में कई बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। जय राम मांझी ने इस स्कूल में 25 साल तक बच्चों को शिक्षा दी है। वह गांव के सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। इसके चलते गांव में उनका बड़ा सम्मान है। कार्यक्रम में गांव के टापर्स को सम्मानित भी किया गया।
जयराम मांझी जिस समर्पण के साथ बच्चों को तालीम देते थे, उसे याद कर ग्रामीणों ने उनका ऐतिहासिक विदाई समारोह आयोजित किया। इस समारोह में गांव के सभी लोग शामिल हुए। राम मांझी को सम्मानित किया गया। यही नहीं जय राम मांझी के सम्मान में भोज का भी आयोजन हुआ। सभी ग्रामीणों ने भोजन किया। इसके बाद जयराम मांझी को उनके गांव तक ऐसे ले जाया गया जैसे जयराम मांझी का रिटायरमेंट नहीं हुआ। बल्कि, उनकी बारात निकली है। धूमधाम से नाचते गाते ग्रामीण जयराम मांझी को दूल्हे की तरह सजा कर ले गए थे। उन्हें पगड़ी पहनाई गई थी। नए कपड़े पहनाए गए। फूलों के हार से लाद दिया गया था। जयराम मांझी के सम्मान में निकाले गए इस जुलूस में महिलाओं ने झारखंड का पारंपरिक नृत्य भी किया। एक ग्रामीण ने बताया की जयराम मांझी बच्चों को अपने बेटों की तरह पढ़ाते थे और उनका व्यवहार हमेशा ईमानदारी से भरा रहा। आज के दौर में ऐसा व्यक्ति बिरले ही मिलता है। ऐसे ही व्यक्तियों को राजनीति में आगे करने की जरूरत है। वरना, आज के नेता तो जनता को बेवकूफ बनाने में ही लगे रहते हैं। चाहे वह जिस पार्टी के हों।