न्यूज़ बी : गज़ा में इसराइल के नरसंहार के विरोध में यमन के हौसी आदिवासी सेना अंसारुल्लाह ने लाल सागर में इसराइल के जहाजों पर हमले शुरू किए। हौसी सेना का कहना था कि अगर लाल सागर से इसराइल की तरफ कोई जहाज जाता दिखेगा तो उस पर हमले किए जाएंगे। कई जहाजों को निशाना बनाया गया। इसराइल के एक जहाज गैलेक्सी लीडर को जब्त कर लिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि इसराइल का एलाट बंदरगाह से चलने वाला कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। कोई भी जहाज लाल सागर से एलात की तरफ नहीं जाता। इससे एलात बंदरगाह दिवालिया हो गया है। एलात बंदरगाह के सीईओ गिडियोन गोलबर ने कहा कि एलात बंदरगाह पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पिछले 8 महीने से एलात बंदरगाह पर किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं हो रही है। एलात पोर्ट के सीईओ का कहना है कि ऐसा गठबंधन देशों के फेल होने के बाद हुआ है। सीईओ का गठबंधन देश से मतलब अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस समेत इसराइल के अन्य समर्थक देश हैं। किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि अमेरिका और यूरोप जैसे ताकतवर देश यमन के एक सैनिक संगठन के सामने लाचार हो जाएंगे। सीईओ का कहना है कि पिछले महीने एलात बंदरगाह को कोई आमदनी नहीं हुई। एलात बंदरगाह के खाते में फूटी कौड़ी नहीं आई। एलात बंदरगाह के सीईओ का कहना है कि अब इसराइल को पोर्ट की मदद करनी चाहिए। तभी पोर्ट आगे चलाया जा सकता है।एलात बंदरगाह के सीईओ ने एलात बंदरगाह को बढ़ने के पीछे हाउसिंग आदिवासियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि हौसी आदिवासियों ने इसराइल जाने वाले जहाज पर हमले किए। इसराइल के जहाज के लिए लाल सागर के बाबुल मंदप जलसंधि को बंद कर दिया। इसके परिणाम स्वरुप ज्यादातर जहाज ने अपना रूट चेंज कर लिया है और अब वह लाल सागर के बजाए केप टाउन से निकल रहे हैं। एक ब्लोगर का कहना है कि यमन के हौसी आदिवासियों के हमले की वजह से से अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। एलात बंदरगाह को दिवालिया घोषित कर दिया गया है। उनका कहना है कि यमन के हौसी अंसार उल्लाह सेना की यह बड़ी कामयाबी है। बंदरगाह बंद होने के बाद हजारों इसराइली बेरोजगार हो गए हैं।