न्यूज़ बी : साम्राज्य विरोधी ताकतों के गरीब देश पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से ईरान में अमेरिका और यूरोपीय देश साजिश रच रहे हैं। इसराइल की मोसाद और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए लगातार ईरान में आतंकी हमले करने की साजिश रचती रहती हैं। ईरान की इंटेलिजेंस मिनिस्ट्री ने एक आंकड़ा जारी कर बताया है कि उन्होंने इस साल अब तक मोसाद और सीआइए के 79 आतंकी हमलों के प्लान को विफल बनाया है। ईरान की इंटेलीजेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि उन्होंने गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी कर आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और उन्हें सजा दी गई। कुल 560 विदेशी हथियार भी इनके पास से बरामद किए गए हैं। साथ ही 42 000 कारतूस जब्त किए गए हैं। ईरानी इंटेलिजेंस एजेंसी के जवानों ने आतंकवादियों से कई मुठभेड़ की और दर्जनों आतंकवादियों को गिरफ्तार भी किया है।
बोस्निया की भी की थी मदद
ईरान ने सर्बिया और बोस्निया की जंग में बोस्निया के लोगों का साथ दिया था। जबकि, यूरोप,अमेरिका व इसराइल सर्बिया के साथ खड़े थे। सर्बिया के सैनिक बोस्निया में नरसंहार को अंजाम दे रहे थे। बेकसूर जनता की हत्या की जा रही थी। क्योंकि, बोस्निया में की सेना कमजोर थी। इसके बाद ईरान ने वहां अपनी एक सेना भेजी और बोस्निया को सर्बिया के चंगुल से आजाद कराया था। इसके बाद ईरान फिलिस्तीन की हमेशा से मदद करता आ रहा है।
क्रांति के बाद साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ नहीं टेके घुटने
ईरान में जब से इमाम खुमैनी के नेतृत्व में 1979 में क्रांति हुई है। उसके बाद ईरान ने कभी साम्राज्यवादी ताकतों के सामने घुटने नहीं टेके और निस्वार्थ भाव से वह गरीब मुल्कों की मदद करता है। ईरान फिलिस्तीन में फिलिस्तीन की मजलूम जनता की मदद करता है और उन्हें हथियार, गोला बारूद व सैन्य रणनीति के टिप्स सब कुछ मुहैया कराता है।
फिलिस्तीन में स्थापित की हैं हथियारों की फैक्ट्रियां
यही नहीं ईरान ने फिलिस्तीन में हथियारों की फैक्ट्रियां भी स्थापित कर दी हैं। ताकि कभी फिलिस्तीनियों को हथियारों और गोला बारूद की कमी ना पड़े। ईरान ने फिलीस्तीन को मिसाइल बनाने की तकनीक भी दे दी है। ईरानी सैन्य जनरल भी फिलिस्तीन में रहकर वहां की सेना हमास को युद्ध की रणनीति सिखाते रहते हैं।