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इस गांव में खारे पानी के चलते कोई नहीं ब्याहता अपनी बेटी

हर घर जल योजना से गांव के लोगों को उम्मीद
इमरान हैदर रिजवी, कौशांबी : कौशांबी ज़िले में एक गांव ऐसा है जहां खारा पानी निकल रहा है। यह गांव सिराथू तहसील का बरईन का पुरवा गांव है। यह वही सिराथू इलाका है, जहां से उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य आते हैं। मीठे पानी के लिए लोग गांव से दो किलो मीटर दूर जाते हैं। खारे पानी के चलते यहां के लड़कों की शादी उम्र होने के बावजूद नहीं हो पा रही है। इस गांव में कोई भी अपनी बेटी ब्याहने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि ज़्यादातर लोग गाँव छोड़कर बाहर बस गए हैं। हर घर जल योजना आने के बाद अब लोगो को उम्मीद है कि उनका गांव एक बार फिर गुलज़ार होगा।
चार साल पहले सूख गया मीठे पानी का इकलौता कुंआ
सिराथू तहसील क्षेत्र के बराइन का पुरवा गांव में कई वर्षों से हैंडपम्प खारा पानी उगल रहे हैं। गांव में मौजूद एक कुआं मीठा पानी दे रहा था। लेकिन इधर 3- 4 वर्षों से कुआं भी दगा दे गया और खारा पानी देने लगा। इससे गांव के लोगों के सामने पीने के पानी की बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई। गांव से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव से पीने का पानी लाना पड़ता है। ऐसे में जिस घर मे लड़के होते हैं वो तो आसानी से पानी ले आते हैं। लेकिन जिनके घर पर कोई आदमी नहीं होता है। उसके लिए दो किलो मीटर दूर से पानी लाना बड़ी मुसीबत का काम है। गांव के ज़्यादातर लोग कमाने के लिए मुम्बई में रहते हैं। इसलिए इस गांव के बच्चे सुबह स्कूल जाने से पहले पीने के पानी का इंतेज़ाम करते हैं। फिर स्कूल जाते हैं।
बेटी दूर पानी लेने जाएगी इसलिए करते गांव में शादी
गांव के रहने वाले पप्पू चौरसिया ने बताया कि, यहां पानी पीने योग्य नहीं है। पूरा पानी दूषित है। काफ़ी दूर से पानी लाना पड़ता है। इससे बड़े, बुजुर्ग और बच्चो को दिक्कत होती है। हम लोग सरकार से ये चाहते हैं कि सिराथू टाउन एरिया से अगर पानी आ जाए तो बहुत सुकून मिल जाए। हमारे गांव मे कोई शादी करने के लिए आता है तो वो भी ये जान कर वापस लौट जाता है की हमारी बेटी इतने दूर पानी लेने नही जाएगी। इस समस्या है हम लोग जूझ रहे हैं। सब से ज्यादा मुसीबत महिलाओं के लिए है। वो मजबूरी में पानी भरने जाती हैं। सर पर पल्लू डाल कर। शर्मिंदगी महसूस होती है। लेकिन जाती हैं। क्या करें पानी का सवाल है, क्यों कि जल ही जीवन है।
साइकिल पर डिब्बा बांध कर जाते हैं पानी लेने
गांव के बच्चे साइकिल पर प्लास्टिक का डिब्बा बांध कर पानी भरने जाते हैं। पानी लाने के लिए सब से ज़्यादा दिक्कत बुजुर्ग महिलाओं को होती है। जो ठीक से चल भी नही पाती। लेकिन जिंदगी बचाने के लिए, वो भी लड़खड़ाते कदमों से पीने के पानी का इंतेज़ाम करती है। उनकी सरकार से सिर्फ एक ही मांग है। किसी तरह गांव मे पीने के पानी का जुगाड़ हो जाए।

पानी लेने जा रहे बच्चे
क्या कहते हैं जल निगम के अधिकारी
जल निगम के सहायक अभियंता राजीव सिंह ने बताया कि सिराथू के बरइन का पुरवा गाँव मे खारा पानी की शिकायत हमें भी मिली थी। लेकिन जो अब जल जीवन मिशन के द्वारा जो काम हो रहा है इससे जो लोग अभी तक हैंडपंप या दूसरे स्रोतों से पानी मिलता है उसमें कही कही खरा पानी आ रहा है। ये शिकायत इस गांव के अलावा कही और नही मिली है। हर घर नल से जल योजना के तहत जल्द ही इस गांव को जल मिलेगा। जिससे लोगो की खरा पानी की समस्या दूर हो जाएगी और सभी को स्वच्छ पानी मिलेगा। कार्य प्रगति पर है।

जल निगम के सहायक अभियंता
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