पुरुष कराएंगे नसबंदी निभाए जनसंख्या स्थिरीकरण में भूमिका
• दूसरा चरण में 28 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चलेगा
• प्रत्येक ब्लॉक में 10 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य तय
• आशा , एएनएम व संगनी लोगों को बता रहीं नसबंदी के फायदे
• स्वास्थ्य कैंप में मिलेगी परिवार नियोजन से जुड़ी हर सुविधा
इमरान हैदर रिजवी, कौशांबी : जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। जिले में इसी क्रम में पुरुष नसबंदी पखवाड़े का पहला चरण दंपति संपर्क पखवाड़ा 21 नवंबर से शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत 27 नवम्बर तक प्रचार-प्रसार के माध्यम से पुरुषों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करते हुए नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बीच आशा और एएनएम घर-घर जाकर परिवार पूरा कर चुके दंपति को परिवार नियोजन के स्थायी साधन की पूर्ण जानकारी देंगी। पखवाड़ा का दूसरा चरण 28 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चलेगा। इसके तहत चिकित्सा संस्थानों पर पुरुष लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण नसबंदी सेवाएं प्रदान की जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुस्पेंद्र कुमार ने दी।
उन्होने बताया कि “ नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं के कंधों पर नहीं रहनी चाहिए। इसलिए परिवार पूरा कर चुके दंपति को नसबंदी सेवा प्रदान की जा रही है। पुरुष नसबंदी को लेकर जनपद के लोगों में काफी जागरूकता आई है। जो कुछ मिथक हैं उन्हें दूर करने के लिए सारथी वाहन व अन्य माध्यम से क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रत्येक ब्लॉक में 10 लोगों की नसबंदी का लक्ष्य रखा गया है। पखवाड़े को सफल बनाने के लिए परिवार नियोजन विशेषज्ञों के द्वारा जनपद स्तरीय कार्यशाला कराकर आशा-एएनएम को प्रशिक्षित भी किया गया है।
पुरुष नसबंदी मामूली शल्यक्रिया
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हिन्द प्रकाश मणि परिवार नियोजन कार्यक्रम नोडल ने बताया कि “पुरुष नसबंदी एक मामूली सी शल्य क्रिया है। महिला नसबंदी के मुकाबले यह न सिर्फ सरल है बल्कि कारगर भी है। बल्कि वैवाहिक जीवन इससे और भी सुखमय हो जाता है। पुरुष नसबंदी के लिए यदि इच्छुक लाभार्थी नसबंदी के लिए राज़ी हो जाता है तो नसबंदी के बाद 3000 रुपये की प्रोत्साहन दी जाती है। व महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पुरुष नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है।
मिलेगी परिवार नियोजन से जुड़ी हर सुविधा
परिवार नियोजन विशेषज्ञ प्रभाकर दुबे ने बताया कि “जनपद स्तरीय चिकित्सालय के अतिरिक्त क्रियाशील ऑपरेशन थियेटर (ओटी) वाले फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) अथवा ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) पर पुरुष नसबन्दी के साथ साथ महिला नसबंदी व परिवार नियोजन की सभी सुविधाएं दी जाएंगी। ज्यादा से ज्यादा पुरुष इसका लाभ उठाएँ व नसबंदी कराएं।