भीड़ भरे अस्पताल में आत्महत्या की घटना जांच का विषय, सीसीटीवी खोलेगा राज
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में बुधवार को सरेशाम एक मरीज के पिता राजू महतो ने आर्थो वार्ड के बरामदे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति का नाम राजू महतो है। उसकी उम्र 40 साल के आसपास बताई जा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही एमजीएम अस्पताल में हड़कंप मच गया। राजू महतो ने कैसे फांसी लगाई। यह रहस्य का विषय बन गया है। क्योंकि अर्थों वार्ड के बरामदे में लोग रहते हैं। यहां कई मरीज भर्ती हैं और परिजन भी हैं। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से घटना का राज खुलेगा कि आखिर इसकी सच्चाई क्या है।
15 दिन से आर्थो वार्ड में भर्ती है मृतक का बेटा
राजू महतो के बेटे का सड़क हादसे में पैर टूट गया था। उसका बेटा 15 दिन से आर्थो वार्ड में भर्ती है। यहीं उसका इलाज चल रहा है। मृतक राजू महतो की पत्नी का कहना है कि बुधवार की शाम राजू महतो ने उसके साथ बैठकर चाय पी। उससे बात की और 20 रुपए लेकर चला गया। पत्नी ने इधर-उधर देखा तो पति नहीं था। इस बीच पत्नी बाहर पानी लाने चली गई। लौट कर आई तो पति को नहीं पाया। तो वह उसकी खोजबीन में लग गई। उसके बेटे ने बताया कि पिता गमछी लेकर गए हैं।
नर्सों ने सबसे पहले देखा शव
नर्सों ने उसे जानकारी दी कि उसके पति ने फांसी लगा ली है। साकची थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस का कहना है कि जब वह घटनास्थल पर पहुंची तो शव फर्श पर रखा हुआ था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में लग गई है कि आखिर यह घटना कैसे घटी।
एमजीएम अस्पताल में सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद एमजीएम अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। एमजीएम अस्पताल में होमगार्डों की तैनाती है। घटना के वक्त होमगार्ड कहां थे। किसी ने व्यक्ति को फांसी लगाते क्यों नहीं देखा। बताया जाता है कि राजू महतो ने ग्रिल में गमछी बांधकर फांसी लगाई। जब वह गमछी ग्रिल में बांध रहा था तब भी क्या किसी की नजर उधर नहीं पड़ी। पूरा मामला रहस्यमय लग रहा है।
मानसिक रूप से बीमार था तो ऑटो कैसे चलाता था
घटना को लेकर तरह-तरह की बात कही जा रही है। राजू महतो सोनारी थाना क्षेत्र के सिद्धू कानू बस्ती का रहने वाला था। वह ऑटो चला कर अपनी जीविका चलाता था। हालांकि पत्नी का कहना है कि उसकी दिमागी हालत खराब थी। यह भी जांच का विषय है कि अगर उसकी दिमागी हालत खराब थी तो वह ऑटो कैसे चलाता था।