न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर: देश भर में ईद उल अजहा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। बकरीद की नमाज पढ़ी गई और लोगों ने एक दूसरे के गले लग कर बकरीद की मुबारकबाद दी। जमशेदपुर, रांची, जामताड़ा, गिरीडीह आदि शहरों में नमाज पढ़ी गई। इसके अलावा, यूपी में लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, फतेहपुर आदि शहरों में बकरीद की नमाज पढ़ी गई है।
जमशेदपुर में यहां हुई नमाज
मानगो समेत शहर में रविवार को धूमधाम से बकरीद का पर्व मनाया गया। मानगो ईदगाह, आमबागान, धतकीडीह और जुगसलाई समेत विभिन्न इलाकों की ईदगाह में नमाज पढ़ी गई। इसके अलावा, साकची जामा मस्जिद, मानगो की बारी मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में भी लोगों ने बकरीद की नमाज अदा की। नमाज के बाद कुर्बानी का सिलसिला चला। जो देर तक जारी रहा। लोगों ने एक दूसरे के गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी। नमाज पढ़ने आए शास्त्री नगर के अब्दुल राशिद ने कहा कि कुर्बानी का त्यौहार हमें धैर्य रखना सिखाता है। हमें शांतिपूर्ण ढंग से यह त्यौहार मनाना है और सभी की भावनाओं का ख्याल रखना है। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी चुस्त-दुरुस्त था।
क्यों मनाई जाती है बकरीद
बकरीद का पर्व मुसलमान अपने नबी हजरत इब्राहिम के बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी की घटना को याद कर मनाते हैं। इस घटना में हजरत इब्राहिम ने ख्वाब देखा था कि वह अपने बेटे की कुर्बानी कर रहे हैं। इस पर वह अपने बेटे को मैदान में ले गए और उनकी कुर्बानी देनी चाहिए। लेकिन ईश्वर की तरफ से वहां एक दुंबा आ गया। जो कुर्बान हो गया और हजरत इस्माइल बच गए। ईश्वर ने कुरआन में कहा कि उसने इस्माइल की कुर्बानी को एक बड़ी कुर्बानी में बदल दिया है। उलमा का मानना है कि यह बड़ी कुर्बानी कर्बला के मैदान में पैगंबर अकरम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की कुर्बानी है।