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Ayushman Bharat Yojna : बन्ना गुप्ता के पूर्व आप्त सचिव समेत कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, जमशेदपुर में मचा सियासी भूचाल

Jamshedpur : (Ayushman Bharat Yojna) झारखंड में एक बार फिर आयुष्मान भारत योजना से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस बार ईडी की नजर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के करीबी और पूर्व आप्त सचिव ओम प्रकाश सिंह उर्फ गुड्डू पर पड़ी है। शुक्रवार को जमशेदपुर के एनएच-33 स्थित नीलगिरी कॉलोनी में गुड्डू सिंह के आवास पर छापेमारी की गई, जहां ईडी की टीम ने घंटों तलाशी ली और कई अहम दस्तावेज जब्त किए। (Ayushman Bharat Yojna)

Ayushman Bharat Yojna : सख्त पहरा, गोपनीय जांच

Ayushman Bharat Yojna : आप्त सचिव का घर।

Ayushman Bharat Yojna : आप्त सचिव का घर।

छापेमारी के दौरान घर के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। ईडी की टीम ने गुड्डू सिंह के ठिकाने के अलावा रांची के बरियातू, अरविंद मार्ग और रामेश्वरम लेन में भी कार्रवाई की। रांची में सुजीत यादव के आवास पर भी छापा मारा गया।

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Ayushman Bharat Yojna: झारखंड राजनीति में गर्मी

जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने इस छापेमारी के बाद पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, और इस घोटाले की गहराई से जांच होनी चाहिए। राय ने उम्मीद जताई कि ईडी की इस कार्रवाई से पूरे घोटाले की परतें खुलेंगी।

कैसे सामने आया घोटाला?

इस मामले का खुलासा हाल ही में आई कैग (CAG) रिपोर्ट से हुआ, जिसमें बताया गया कि झारखंड के कई अस्पतालों ने फर्जी मरीजों के नाम पर इलाज दिखाकर करोड़ों रुपये की वसूली की। हैरानी की बात यह रही कि कई मामलों में मृत लोगों के नाम पर भी बिल तैयार कर लिए गए। रिपोर्ट के बाद ईडी ने जांच शुरू की और स्वास्थ्य विभाग से आवश्यक दस्तावेज तलब किए।

देशभर में 21 जगहों पर छापेमारी

रांची और जमशेदपुर समेत देश भर के कुल 21 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। ईडी का मकसद इस घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेज और डिजिटल सबूत जुटाना है। जांच के घेरे में झारखंड स्टेट हेल्थ सोसाइटी, 200 से ज्यादा अस्पताल, बीमा कंपनियां और दवा कंपनियां शामिल हैं।

आयुष्मान भारत योजना, जो देश के गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए शुरू की गई थी, अब एक बड़े घोटाले के केंद्र में आ गई है। ईडी की यह कार्रवाई भविष्य में और भी बड़े खुलासों की ओर इशारा कर रही है। झारखंड की राजनीति में इसका असर गहरा और दूरगामी हो सकता है।

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