Home > Crime > आरोपी की बहन को ससुराल से लाकर थाने पर दो दिन की गई पूछताछ, फ्रंट के सरफराज हुसैन बोले-पुलिस ने किया मानवाधिकार कानून का उल्लंघन, थाना प्रभारी पर हो कार्रवाई

आरोपी की बहन को ससुराल से लाकर थाने पर दो दिन की गई पूछताछ, फ्रंट के सरफराज हुसैन बोले-पुलिस ने किया मानवाधिकार कानून का उल्लंघन, थाना प्रभारी पर हो कार्रवाई

साकची थाना में विवाहित महिला को जबरन गैर कानूनी रूप से 2 रात थाना में रख कर पूछताछ करना अपराध : सरफराज हुसैन
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर :
साकची थाना क्षेत्र के बसंत टॉकीज के पास 18 अक्टूबर को बालिगुमा के राजेश सिंह पर फायरिंग के आरोपी चांद की बहन सोनी परवीन को ससुराल से लाकर थाने पर पूछताछ की गई। ऐसा ऑल इंडिया माइनारटीज सोशल वेलफेयर फ्रंट का आरोप है। ऑल इंडिया माईनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट प्रवक्ता सरफराज हुसैन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल और झारखण्ड को पत्र लिखकर मांग की है कि साकची थाना प्रभारी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। फ्रंट प्रवक्ता सरफराज हुसैन ने पत्र के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री और डीजीपी को घटना से अवगत कराया है कि आरोपी चांद नहीं मिला तो 29 वर्षीय विवाहित बहन सोनी परवीन को ससुराल से लाकर साकची पुलिस ने दो रात थाने में ही रखा। जो सीधे सीधे गैर कानूनी एवं सुप्रीम कोर्ट की आदेश का उल्लंघन है। फ्रंट प्रवक्ता सरफराज हुसैन ने पत्र में विभिन्न धाराओं का उल्लेख कर गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है। फ्रंट ने इस मामले में जांच कर साकची थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग की है।
सीआरपीसी की धारा 46 (4) का हुआ उल्लंघन
सरफराज हुसैन ने कहा है कि पुलिस अपराध और अपराधियों के साथ सख्ती से पेश आए। जमशेदपुर शहर अपराध मुक्त हो। लेकिन एक आरोपी चांद जिसे की शादीशुदा 29 वर्षीय बहन सोनी परवीन को पूछताछ के लिए रात भर थाना में बैठा कर रखना जो गैर कानूनी है। पत्र में कहा है कि सीआरपीसी की धारा 46 (4) के तहत किसी महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। शिकायत पत्र में फ्रंट प्रवक्ता सरफराज हुसैन ने लिखा है भारत में महिलाओं के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए और महिलाओं से संबंधित मामलों की जांच के बाद सीआरपीसी 1973 में संशोधन लाया गया। इसमें सीआरपीसी की धारा 46 (4) के अनुसार महिलाओं को कुछ छूट दी जा सकती है। यह संशोधन पुलिस अधिकारियों द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़ी विभिन्न घटनाओं के संज्ञान में आने के कारण किया गया है और महिलाओं की रक्षा के लिए और उनके कल्याण और सुरक्षा के लिए इसमें संशोधन किया गया था।

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