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कब्र में दफन होने के 40 दिन बाद जिंदा घर लौटा युवक तो घरवालों के नहीं रहा खुशी का ठिकाना

बेटे को सामने हाजिर नाजिर देखकर खुश हो गए मां बाप
न्यूज़ बी रिपोर्टर, कौशांबी :
कौशांबी जिले में मंझनपुर थाना क्षेत्र के बिजलीपुर गांव में एक अजीबोगरीब घटना हुई है। यहां एक मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे को मृत समझकर शव कब्र में दफनाया था। मगर, कब्र में दफनाने के ठीक 40 दिन बाद युवक अपने 40 वें के दिन जब लौटकर गुरुवार को घर पहुंचा तो लोगों के खुशी का ठिकाना ना रहा। बेटे को सामने पाकर मां पर निहाल हो गई। बलाएं लेने लगी। बाप को लगा कि उसके बुढापे की लाठी अभी मौजूद है। दोनों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। बार-बार अपने बेटे को छू रही थी और उसका नाम पूछ रही थी। बेटा भी बोला कि ऐसी क्या बात है। वह तो उसी का बेटा है।
मंझनपुर के बिजलीपुर का है मामला
मामला मंझनपुर थाना क्षेत्र के बिजली पुर गांव का है। 11 जून को सैनी कोतवाली क्षेत्र के मारधार रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूदकर एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेने के बाद इसकी पहचान कराने की कवायद शुरू की। इलाके के जितने लोग गायब हुए थे सभी के परिजन को बुलाया गया। बिजलीपुर गांव की रहने वाले शब्बीर और शफीकुन्निसां भी पहुंची। उसे लगा कि आत्महत्या करने वाला युवक उसका बेटा है। उसने युवक की पहचान अपने बेटे रमजान के तौर पर कर ली। शफीकुन्निसां को सौंप दिया गया शफीकुन्निसां का रो रो कर बुरा हाल था। बिजलीपुर गांव में शव दफना दिया गया। गुरुवार को 40 दिन पूरा होने पर परिवार के लोग रमजान के 40 वें का इंतजाम कर रहे थे। लेकिन तभी अचानक रमजान लौट आया।
प्रयागराज चला गया था रमजान
रमजान लौटकर आया तो गांव वाले भी हैरत में थे। उनके चेहरे पर खुशी भी थी। रमजान ने लोगों को बताया कि रोजगार नहीं होने पर मां-बाप ताना मारते थे। इससे तंग आकर वह रोजगार की तलाश में प्रयागराज (इलाहाबाद) चला गया था। प्रयागराज में मजदूरी करता था। कुछ दिन पहले बिजलीपुर गांव का एक युवक प्रयागराज गया तो रमजान उसे दिख गया। इस युवक ने ही रमजान को बताया कि उसे मरा समझकर कोई लाश कब्र में दफना दी गई है। मां बाप भी रमजान को मृत समझ चुके हैं। इसके बाद रमजान घर लौटा।
रमजान जैसा ही था युवक का शव
बिजलीपुर गांव की शफीकुन्निसां ने बताया कि जब पुलिस ने उसे शव की पहचान के लिए बुलाया था तो उसे लगा कि वो उसके बेटे का ही है। शक्ल सूरत भी मिलती जुलती थी। कद काठी भी वही थी। इसी में उसकी आंखें धोखा खा गईं।
अब संतराज को है डीएनए का इंतजार
जिस शव को रमजान समझकर शब्बीर और शफीकुन्निसां ने दफनाया था। उस पर फतेहपुर जनपद के रहने वाले संतराज ने दावा किया है। संतराज का कहना है कि जिस युवक को दफनाया गया है। वह उसका बेटा सूरज है। इसके बाद डीएम सुजीत कुमार ने शव को कब्र से निकलवा कर उसका डीएनए कराने का आदेश दिया। शव को 3 जुलाई को कब्र से निकाला गया था और डीएनए सैंपल लेने के बाद शव फिर दफना दिया गया था। सैंपल को लैब भेजा गया है। अभी तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन रमजान के वापस आ जाने के बाद अब यह तय हो चुका है कि कब्र में दफन शव रमजान का नहीं है। प्रशासन डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। संतराज को डीएनए रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है। अधिकारियों का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट मैच होने के बाद शव संतराज को सौंप दिया जाएगा।

घटना के बारे में बता रहा रमजान।
रमजान की मां शफीकुन्निसां

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