नूरी के नूर से हुनरमंद बन रहीं रांची की बेटियां
फलाही कला केंद्र खोल संवार रहीं लड़कियों की जिंदगी
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : नूरी के नूर से रांची की बेटियां हुनरमंद बन रहीं हैं। उनके फलाही कला केंद्र पर लड़कियों को सिलाई समेत अन्य ट्रेड में दक्ष बनाया जाता है ताकि वह जिंदगी में अपने पैरों पर खड़ी हों सकें और किसी की मोहताज ना हों। यही नहीं, जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त आनलाइन शिक्षा भी दी जाती है। यह फलाही कला केंद्र कर्बला चौक के पास टैंक रोड में बलदेव सहाय लाइन में है।
फलाही कला केंद्र बलदेव सहाय बस्ती की रहने वाली जेबा नूरी चलाती हैं। जेबा ने गोस्सनर कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई की है। समाज सेवा उनका पैशन है। इसीलिए उन्होंने फलाही कला केंद्र खोला है। इस कला केंद्र में हर साल 50 बेटियां सिलाई के ट्रेड में दक्ष होकर निकलती हैं। जेबा नूरी का फलाही कला केंद्र सुबह 11:00 बजे से दोपहर बाद 1:00 बजे तक और दोपहर बाद 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक 2 बैच में चलता है। एक बैच में 8 लड़कियों को सिलाई की शिक्षा दी जाती है। 4 महीने में वह लड़कियों को महिलाओं के सभी तरह के पहनावे और कुर्ता पाजामा की सिलाई में दक्ष कर देती हैं। इनके फलाही केंद्र से निकली हिंदपीढ़ी की शबीना के पति की कोरोना काल में नौकरी चली गई तो उसने घर पर ही सिलाई शुरू कर दी और अपना घर अच्छे से चला रही हैं। जेबा नूरी बताती हैं कि उनके कला केंद्र से निकली लड़कियां किसी की मोहताज नहीं हैं। जब भी जरूरत पड़े वह अपने घर पर ही सिलाई शुरू कर अपनी जिंदगी गुजार सकती हैं। इस फलाही कला केंद्र में कडरू, हिंदपीढ़ी, पथलकुदवा, कांटाटोली, बरियातू आदि इलाके से लड़कियां सिलाई सीखने आती हैं।
शारीरिक दूरी का ख्याल रख चल रहा केंद्र : जेबा नूरी बताती हैं कि उनके फलाही कला केंद्र में लड़कियों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बैठा कर सिलाई सिखाई जाती है। इसीलिए उनके केंद्र में एक बैच में सिर्फ आठ लड़कियों को ही बैठाया जाता है। कोरोना काल में उनका केंद्र बन रहा। अब, जब सरकार ने नई गाइडलाइंस के अनुसार केंद्र चलाने की अनुमति दी है तब से केंद्र दोबारा गुलजार हो गया है।
तीन साल पहले खोला था केंद्र : जेबा नूरी ने ये केंद्र तीन साल पहले खोला था। जेबा नूरी तब हाउस वाइफ ही थीं। फिर उन्हें ख्याल आया कि उन्हें सिलाई का हुनर आता है। इसे क्यों न जरूरतमंदों में बांटा जाए। इसके बाद उन्होंने साल 2019 में ये फलाही केंद्र खोला था। जेबा नूरी जरूरतमंदों को आनलाइन ट्युशन भी पढ़ाती हैं। कोरोना काल में जब उन्होंने देखा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो उन्होंने अपने मोहल्ले के बच्चों को आनलाइन ट्युशन पढ़ाना शुरू कर दिया ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो।