अभी भी हिमाचल के किन्नौर में फंसे हैं झारखंड के 90 श्रमिक
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : हिमाचल के किन्रौर जिले में अभी भी झारखंड के 90 से अधिक श्रमिक फंसे हुए हैं। अब तक कुल 61 श्रमिकों की वापसी हुई है। खूंटी, तोरपा और बंदगांव के रहनेवाले ये श्रमिक चार जत्थों में झारखंड लौट चुके हैं। अगले दो-तीन दिनों में अन्य श्रमिकों के भी झारखंड लौटने की संभावना बनी हुई है।
हिमाचल प्रदेश से झारखंड लौटे फागु ने बताया कि वह खूंटी के मुरहू प्रखंड के भोंडा गांव का रहनेवाला है। उसके गांव के कई लोग किन्नौर गए थे। वहां राठी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में काम करते थे। फागु बताते हैं कि काम के दौरान स्थानीय श्रमिकों से पहले बहस हुई थी। फिर स्थानीय श्रमिक मारपीट करने लगे। इसे देखते हुए हमलोगों ने लौटने का निर्णय लिया। फागु और उनके गांव के रहनेवाले बुधवानाथ, घनश्याम, महावीर मुंडा आदि भी हिमाचल प्रदेश से लौट आए हैं। 14 अक्टूबर को ही उनकी वापसी हुई है।
श्रम अधीक्षक खूंटी को भी दिया गया था आवेदन : बता दें कि खूंटी के रहनेवाले दशरथ आईंद की ओर से खूंटी के श्रम अधीक्षक को आवेदन दिया गया था। बताया गया था कि झारखंड के 150 मजदूर मजदूरी करने के लिए हिमाचल के किन्नौर जिला के मुरंग के लंबर गांव गए हैं। वहां उन्हें राठी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में काम करना था। लेकिन 2 अक्टूबर की रात वहां के लोकल मजदूरों ने झारखंड के मजदूरों से मारपीट की। दूसरे दिन झारखंड के 15 श्रमिकों को घर से बाहर निकाला गया और उनके साथ मारपीट की गई। स्थानीय श्रमिक बार-बार कह रहे थे कि झारखंडी श्रमिकों को यहां से मार-मार कर खदेड़ेंगे।
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की है नजर : बता दें कि राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष राठी हाईड्रोप्रोजेक्ट पावर प्राईवेट लिमिटेड के प्रमुख धर्मेंद्र राठी से लगातार संपर्क रखे हुए है। जो मजदूर हिमाचल प्रदेश में रह गए हैं उन्हें भी समूहों में वापस भेजने की तैयारी की जा रही है। जितने भी श्रमिक वापस आ रहे हैं, कंपनी के प्रमुख उसकी सूचना खुद प्रवासी नियंत्रण कक्ष को भेज रहे हैं।
दीवाली बोनस के लिए रुके झारखंड के कामगार
किन्नौर जिले के टिंडोंग स्थित निर्माणाधीन पनविद्युत परियोजना में दो अक्टूबर को हुए झगड़े के बाद झारखंड के कई मजदूर घर लौट चुके हैं। जबकि कई अब भी रुके हैैं। किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि ये कामगार कंपनी से दीवाली बोनस लेने के लिए रुके हैं। झारखंड सरकार ने उनके साथ कामगारों के संबंध में कोई संवाद नहीं किया है। झारखंड सरकार कामगारों को ले जाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। उपायुक्त ने बताया कि किन्नौर जिला प्रशासन ने मारपीट मामले में प्रोजेक्ट के ठेकेदार से पूरी रिपोर्ट लेने के बाद दोनों पक्षों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। दोनों पक्षों को पुलिस के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया गया। प्रशासन ने मामला ध्यान में आते ही अधिकारियों की टीम को मौके पर भेज दिया था। इस दौरान 50 लोगों ने वापस जाने की इच्छा जताई थी। उन्हें वापस भेज दिया था। टीम ने अन्य कर्मचारियों से भी बात की थी, लेकिन अधिकतर कर्मचारी दीवाली बोनस की बात को लेकर रुके हैं। प्रशासन उनसे संपर्क में हैं। जब भी वे लौटने की बात कहेंगे, उन्हें भेज दिया जाएगा। कामगारों को पूरी सुरक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। ठेकेदार को भी निर्देश दे दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कहा कि जिला श्रम अधिकारी के पाास कामगारों से संबंधित कोई मामला नहीं आया है। मामले की जांच की जा रही है।