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राजधानी की सड़कों का हाल, कुछ चकाचक बाकी बदहाल

राजधानी की सड़कों का हाल, कुछ चकाचक बाकी बदहाल

हर साल ढ़ाई करोड़ रुपये हजम कर जाते हैं रांची की सड़कों के गड्ढे


बरियातू रोड, बहुबाजार कांटाटोली रोड समेत अन्य सड़कों पर हो गए हैं बड़े-बड़े गड्ढे
इफ्तेखार अली सिद्दीकी, रांची : राजधानी की सड़कों की हालत बदतर है। कुछ सड़कों को छोड़ दें तो बाकी सड़कें बदहाल हैं। इन सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। हर साल बरसात के बाद पथ निर्माण विभाग सड़कों की मरम्मत कराता है और इस पर तकरीबन ढ़ाई करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन मगर, इस बार अब तक मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ है। कुछ सड़कों के ही एक-दो पैच भरे गए हैं। अधिकतर सड़कें जर्जर होने की वजह से लोग इन सड़कों पर हिचकोले खाते हुए चल रहे हैं। कई सड़कों पर तो इस कदर गड्ढे हैं कि ये जानलेवा हो गए हैं। तेज रफ्तार वाहनों के पहिए इन गड्ढों में कूदते हैं तो अचानक उनकी स्पीड कम हो जाने से पीछे से आ रहे वाहनों से टकराने का खतरा बढ़ जाता है।
बरसात से पहले ही पथ निर्माण विभाग ने राजधानी की कई सड़कों की मरम्मत कराई थी और उनके गड्ढे भरे गए थे। मगर, बरसत में सड़कों पर फिर गड्ढे हो गए हैं। लोगों ने सड़कों की मरम्मत के लिए पथ निर्माण विभाग से शिकायत भी की। लेकिन पथ निर्माण विभाग ने फंड नहीं होने का बहाना कर पल्ला झाड़ लिया। निर्माण के बाद नई सड़क या मरम्मत के बाद पुरानी सड़कों तीन चार महीने में ही बदहाल होने लगती हैं। राजधानी की वीआइपी मानी जाने वाली सड़कों पर ही पथ निर्माण विभाग का फोकस होता है। माेरहाबादी, मेन रोड जैसी सड़कों की बराबर मरम्मत की जाती है। बाकी सड़कों का कोई पूछने वाला नहीं है।
नहीं खत्म हो रहे अपर बाजार पुस्तक पथ के गड्ढे

राजधानी में सबसे खराब हालत अपर बाजार में पुस्तक पथ की है। इस सड़क पर बरसात से पहले गड्ढों के आकार छोटे थे। पथ निर्माण विभाग ने बरसात से पहले इस सड़क की मरम्मत भी कराई थी। लेकिन, मरम्मत के काम की गुणवत्ता खराब होने की वजह से फिर गड्ढे उभर आए हैं। पुस्तक पथ के दुकानदार राजेश कुमार बताते हैं कि इस सड़क पर लगभग कई गड्ढे हो गए हैं।
राजभवन से बूटी मोड़ जाने वाली सड़क भी बदहाल
राजभवन से बूटी मोड़ जाने वाली सड़क भी बदहाल है। बरियातू से बूटी मोड़ के बीच में कई जगह सड़क जर्जर है। बरियातू में शान ए रजा होटल से थोड़ा आगे सड़क पर गड्ढे उभर आए हैं। तकरीबन 300 मीटर सड़क खराब हो गई है। लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार सड़क को ठीक करने की मांग उठाई है। मगर, अब तक सड़क को ठीक नहीं किया गया है। राजभवन से बूटी मोड़ तक साढ़े आठ किलोमीटर लंबी इस सड़क पर एक करोड़ रुपये खर्च कर गड्ढे भराए गए थे।
बहु बाजार-कर्बला चौक सड़क की उखड़ गई गिट्टी
बहु बाजार से कर्बला चौक जाने वाली सड़क भी जर्जर है। इस सड़क की पिछले साल मरम्मत कराई गई थी। मगर, तीन महीने में ही यहां गड्ढे उभर आए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार ने घटिया तरीके से गड्ढे पथ निर्माण विभाग ने बहू बाजार से कर्बला चौक जाने वाली सड़क के भी गड्ढे भराए थे। इन गड्ढों को तारकोल से भरा गया था। लेकिन, खराब गुणवत्ता की वजह से गिट्टियां उखड़ गईं और गड्ढे फिर दिखाई देने लगे।
डा. फतेहउल्लाह रोड की स्थिति जर्जर

कर्बला चौक से मेन रोड जाने वाली डॉक्टर फतेह उल्लाह रोड की स्थिति जर्जर है। यह सड़क पूरी तरह खत्म हो गई है। गिट्टियां उभर आई हैं। सड़क पर गड्ढों की भरमार है। लेकिन इलाके के लोगों ने कई बार नगर निगम से मामले की शिकायत की। लेकिन नगर निगम ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय को ले जाकर सड़क का निरीक्षण कराया था। उन्होंने सड़क बनवाने का वादा किया है। मगर सड़क कब बनेगी स्थानीय निवासियों को भरोसा नहीं हो रहा है।
कोनका रोड भी हो गई है जर्जर
कर्बला चौक से इकरा मस्जिद जाने वाली कोनका रोड भी बदहाल है। इस सड़क पर भी गड्ढे ही गड्ढे हैं। लोगों का कहना है कि तकरीबन आधा किलोमीटर लंबी इस सड़क पर जितने गड्ढे हैं, उतने किसी सड़क पर नहीं होंगे। गड्ढे से ही सड़क की शुरुआत होती है। लोगों का कहना है कि इस सड़क की कई साल से मरम्मत नहीं कराई गई है। इस वजह से यहां गड्ढे ही गड्ढे हैं।
निवारणपुर से स्टेशन जाने वाली सड़क भी बदहाल
निवारणपुर से स्टेशन जाने वाली सड़क भी बदहाल है। इस सड़क की भी कोई देखभाल नहीं करता। दुकानदारों का कहना है कि कई साल से सड़क बदहाल ही चल रही है। सड़क पर वाहनों की स्पीड कम हो जाती है। क्योंकि गड्ढे अधिक हैं। लोगों का कहना है कि पथ निर्माण और नगर निगम को राजधानी की सड़कों का ध्यान देना चाहिए।
सर्कुलर रोड पर भी गड्ढे
शहर की वीआइपी माने जाने वाली सर्कुलर रोड पर भी गड्ढे हो गए हैं। यहां वर्दमान कंपाउंड के पास सड़क पर कई गड्ढे हो गए हैं। इलाके के लोगों ने कई बार पथ निर्माण विभाग को यहां गड्ढे खत्म करने को कहा मगर, अब तक यहां के गड्ढे ठीक नहीं किए गए हैं। लोगों का कहना है कि ये गड्ढे कई साल से हैं। ठेकेदार हर साल घटिया तौर से गड्ढे की पैचिंग कर देता है। इस वजह से कुछ दिन बाद ही गड्ढे फिर उभर आते हैं।

जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर हो गया है। जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा।
इजराइल मंसूरी, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग

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