भाइयों को पहले जेल भेजवाया अब दुकान चला रही बहन को दे रहा धमकी
–सोमवार को दबंगों ने महिला को दुकान से खदेड़ने का किया प्रयास
न्यूज़ बी रिपोर्टर रांची : जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के हटिया चांदनी चौक स्थित एचईसी की जमीन पर बनी विवादित दुकान के मालिकाना हक को लेकर पिछले छह माह से दो पक्षों में विवाद चल रहा है। कब खून खराबा हो जाए पता नहीं। बीते 11 अक्टूबर को पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुये दुकानदार सत्येंद्र प्रसाद और उनके भाई उपेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन, दूसरे पक्ष पर कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझी। भाई के जेल जाने के बाद से सत्येंद्र की बहन प्रतिभा दुकान पर बैठती है। दुकानदार को जेल भेजने के बाद भी दुकान पर मालिकाना हक जताने वाले धर्मनाथ यादव और उनके बेटे विरेंद्र शांत नहीं हुए। अब वे लोग प्रतिभा को भी तंग कर रहे हैं। दुकान खाली कर भाग जाने की धमकी देते हैं।
प्रतिभा ने आरोप लगाया कि सोमवार को सुबह प्रतिदिन की तरह दुकान खोल कर बैठी हुई थी। सुबह आठ बजे के आसपास धर्मनाथ और विरेंद्र पहुंचे और दुकान खाली करने को कहा। बात नहीं मानने पर जबरन दुकान में ताला लगाने लगे। दोनों पिता पुत्र ने उसके साथ छेड़खानी भी की। दबंगों की हरकत से भयभीत प्रतिभा ने जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अभय सिंह से लेकर सिटी एसपी, एसएसपी, डीआईजी से लेकर एडीजी तक से जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्याय की आस में प्रतिभा देर शाम तक दुकान में दुबकी रही। रात में स्थानीय लोगों के सहयोग से घर पहुंची। वहीं, प्रतिभा ने धर्मनाथ यादव सहित आधा दर्जन अज्ञात के खिलाफ जगन्नाथपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
सत्येंद्र के आवेदन पर कार्रवाई नहीं
धर्मनाथ की शिकायत आते ही एक्शन में आ गई पुलिस
एचईसी की जमीन पर बनी अवैध दुकान के मालिकाना हक को लेकर कहीं खून खराबा न हो जाये, दुकानदार सत्येंद्र प्रसाद ने दो माह पूर्व ही थाने में धर्मनाथ यादव और विरेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने जब सत्येंद्र के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उसने एसडीओ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बावजूद पुलिस खामोश रही। पुलिस इस ताक में बैठी रही कि सत्येंद्र की ओर से कुछ गलती हो। 10 अक्टूबर को धर्मनाथ अपने बेटे के साथ दुकान में ताला लगाने पहुंचे थे। इस पर जब सत्येंद्र ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में धक्का मुक्की हो गई। जैसे ही विरेंद्र ने इसकी शिकायत जगन्नाथपुर थाना पुलिस से की, सोई हुई पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और सत्येंद्र और उसके छोटे भाई उपेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि सत्येंद्र ने दो माह पूर्व ही धर्मनाथ यादव और विरेंद्र के खिलाफ जगन्नाथपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।