पटना : (Takht Patna Sahib) गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को सिखों के सर्वोच्च धार्मिक पीठ श्री अकाल तख्त साहिब ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने से रोक दिया है। मंगलवार को श्री अकाल तख्त साहिब में कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह सहित पांच सिंह साहिबानों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

Takht Patna Sahib : अकाल तख्त साहिब से आया आदेश
इस आदेश के साथ ही ज्ञानी इकबाल सिंह को दोबारा तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब (Takht Patna Sahib) के जत्थेदार पद पर बहाल करने की कोशिशें भी विफल हो गईं। इस प्रयास में जुटे उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह और उनके सहयोगियों — गुरमीत सिंह, हरपाल सिंह, राजा सिंह और एचएस ढिल्लन ने महासचिव इंद्रजीत सिंह को पत्र भेजकर विशेष बैठक बुलाने की मांग की थी। उन्होंने पटना हाई कोर्ट के केस संख्या 36/2019 के आदेश का हवाला देकर इकबाल सिंह की बहाली पर ज़ोर दिया।
Takht Patna Sahib : ज्ञानी इकबाल सिंह ने सेवा में लौटने की जताई थी इच्छा
ज्ञानी इकबाल सिंह ने भी खुद को स्वस्थ बताते हुए सेवा में लौटने की इच्छा जताई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक कुल 31 लाख रुपये दो किस्तों में मिले हैं और वे सेवा के लिए सक्षम हैं।
Takht Patna Sahib : ज्ञानी इकबाल सिंह पर लगे हैं गंभीर आरोप
इस बीच, पटना के काली स्थान निवासी मनमीत सिंह ने ज्ञानी इकबाल सिंह के बेटे पर गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र में बताया कि उन्होंने एटीएम से लगभग ढाई लाख रुपये, 10 चक्का ट्रक जिसकी कीमत 40 लाख रुपये थी, और मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखे 90 ग्राम सोने के बदले लिए गए 5 लाख रुपये हड़प लिए हैं। उन्होंने इस राशि की वापसी की मांग की है।
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अकाल तख्त साहिब में पेश होने तक धार्मिक कार्यों से किया गया अलग
बैठक में यह भी बताया गया कि 15 जुलाई 2024 को ज्ञानी इकबाल सिंह की फिर से तनख्वाह शुरू की गई थी और वे पेश भी हुए थे। लेकिन वर्तमान में उनके खिलाफ लगे आरोपों के मद्देनज़र उन्हें तख्त श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होने तक किसी भी धार्मिक कार्य से अलग रहने को कहा गया है।
कौमी सिख मोर्चा ने किया फैसले का स्वागत
कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के इस निर्णय का स्वागत करते हुए सिख समुदाय से इसके समर्थन की अपील की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पटना साहिब प्रबंधन कमेटी का नया चुनाव नहीं होता, ऐसे टकराव पंथ को शर्मसार करते रहेंगे। सिख धार्मिक संस्थाओं में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से श्री अकाल तख्त साहिब का यह निर्णय अहम माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि ज्ञानी इकबाल सिंह अपनी सफाई में क्या पक्ष रखते हैं।