रांची: विधानसभा के मानसून सत्र में हंगामे के बाद गुरुवार को स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने कड़ी कार्रवाई करते हुए भाजपा के 18 विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबन की इस कार्रवाई को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। सत्ता पक्ष के विधायकों का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई उचित है। जल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा की यह विधायक अभी निलंबित किए गए हैं। अगली विधानसभा में यह नहीं आ पाएंगे। वहीं भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि उन्हें निलंबित नहीं किया गया है। उन्हें भी निलंबित किया जाना चाहिए था। उन्हें भाजपा के बाकी विधायकों से अलग क्यों किया गया। उन्होंने निलंबन की कार्रवाई को झारखंड के इतिहास में पहली बड़ी कार्रवाई बताया।
इन विधायकों को किया गया निलंबित
जिन विधायकों को निलंबित किया गया है, उनमें नवीन जायसवाल, पुष्पा देवी, आलोक चौरसिया, शशि भूषण मेहता, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, सीपी सिंह, कोचे मुंडा, राज सिंह, अपर्णा सेन, किशन दास, केदार हाजरा, नीरा यादव, अमित मंडल, नारायण दास, रणधीर सिंह, अनंत ओझा और बिरंची नारायण शामिल हैं।
देर रात तक विधानसभा में डटे थे विधायक
भाजपा के कई विधायक बुधवार की आधी रात तक विधानसभा के वेल में धरने पर बैठे हुए थे। हालांकि विधानसभा के अधिकारियों के द्वारा लाइट बंद कर दी गई थी। लेकिन, यह विधायक अंधेरे में बैठे रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इनके पास पहुंचे थे और धरना खत्म करने को कहा था। लेकिन यह विधायक नहीं माने थे। बाद में मार्शलों ने इन विधायकों को टांग कर बाहर किया था। विधायकों को लान में बैठाया गया था। बाद में देर रात इन्हें लान से भी हटाकर पोर्टिको में ले जाया गया।
गिरिडीह के विधायक ने रखा कार्रवाई का प्रस्ताव
गुरुवार को सुबह 11:00 बजे जैसे ही विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई। गिरिडीह के विधायक सुदीप्तो सोनू ने प्रस्ताव रखा कि जो विधायक हंगामा कर रहे हैं और सदन की मर्यादा भंग कर रहे हैं। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने नियमावली का हवाला भी दिया। इसी के बाद स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने कार्रवाई करते हुए 18 विधायकों को निलंबित कर दिया।
विधायकों के निलंबन के बाद भाजपा हमलावर
विधायकों के निलंबन के बाद भाजपा हमलावर है। भाजपाइयों ने पूरे झारखंड में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया और हेमंत सोरेन का पुतला जलाया। रांची में भी प्रदर्शन किया गया। निलंबन की कार्रवाई होने के बाद जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखते नजर आए। भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू के विधायक सुदेश महतो ने विधानसभा अध्यक्ष से विनती की कि वह अपने आदेश पर पुनर्विचार करें। अब शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र का अंतिम दिन है। 18 विधायक जो निलंबित हुए हैं, वह शुक्रवार 2:00 बजे तक के लिए निलंबित हैं। 2:00 बजे के बाद यह विधायक विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेंगे।
आज सदन में जवाब देंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
बीजेपी और उनके सहयोगी दलों के विधायकों की मांग है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके सवालों के जवाब दें। रोजगार और अनुबंध कर्मियों को अस्थाई करने के मामले पर जवाब दें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही कहा था कि वह आखरी दिन जवाब देंगे। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने भाषण में क्या बोलते हैं। प्रदेश के लोगों को इसका इंतजार है।
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