न्यूज़ बी : ईरान गजा के प्रतिरोध संगठन हमास को मिसाइल और असलहे सप्लाई करता था। बाद में गजा में ईरान ने असलहों की फैक्ट्री लगा दी। यह बात पहली बार सार्वजनिक रूप से हमास के नेता यहया सिनवार ने कबूल की है। उन्होंने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए इस बात का सार्वजनिक ऐलान किया कि ईरान ही फिलिस्तीनियों की मदद कर रहा है। यहिया सिनवार ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि पहले फिलिस्तीनी ईंट पत्थर से अपनी रक्षा करते थे बाद में ईरान ने असलहा सप्लाई करना शुरू किया। साल 2008 में प्रतिरोध संगठन हमास के पास कुछ ग्राड मिसाइलें थीं। यह ग्राड मिसाइल ईरान ने हमास को मुहैया कराई थी। इसके अलावा हमास के पास अपनी बनाई हुई मिसाइल और मोर्टार शेल थे। लेकिन दुनिया की आंखें तब फटी की फटी रह गईं जब प्रतिरोध संगठन ने इसराइल के शहर बीरशेवा पर ग्राड मिसाइलों से हमला किया। यह ग्राड मिसाइलें 40 किलोमीटर तक मार करने वाली थीं। इन्हें ईरान ने मुहैया कराया था। 4 साल बाद साल 2012 में जब इसराइल ने गजा पर हमला किया तो प्रतिरोध संगठन ने पहली बार इसराइल की राजधानी तेल हबीब को निशाना बनाया। यहया सिनवार ने कहा कि हमास ने तेलअबीब पर फज्र मिसाइलों की बरसात कर दी। यह फज्र मिसाइलें भी ईरान ने हमास को दी थीं। इस हमले में हमास ने गजा में बनी मिसाइल का भी उपयोग किया। यहया सिनवार ने कहा कि साल 2014 में तेलअबीब पर हुए हमले में 170 मिसाइलें दागी गई थीं। फज्र मिसाइलें गजा में बनाई गई थीं। इन फज्र मिसाइलों को बनाने के लिए ईरान ने हमास को आर्थिक और तकनीकी मदद की थी। यहया सिनवार ने कहा कि अगर ईरान फिलिस्तीन की आर्थिक और तकनीकी मदद नहीं करता तो हमास के पास यह मिसाइल ताकत नहीं होती। यहया सिनवार ने कहा कि जब फिलिस्तीनियों को अरब देशों ने अकेला छोड़ दिया तो ईरान ने ही फिलिस्तीन की मदद की।