जमशेदपुर : टाटा मोटर्स कान्वाई चालकों के न्यूनतम मजदूरी मामले में पेंच फंस गया है। चालकों का एक बड़ा खेमा न्यूनतम मजदूरी नहीं चाहता है, वह पुरानी
एग्रीमेंट व्यवस्था में ही काम करना चाहता है। वहीं कान्वाई नेता ज्ञानसागर प्रसाद न्यूनतम मजदूरी के साथ सभी चालकों को बोनस को लेकर संघर्षरत हैं। ज्ञानसागर प्रसाद के साथ 30 चालकों को न्यूनतम मजदूरी मिलती है, जबकि, शेष 945 आज भी पूर्व में बनी एग्रीमेंट व्यवस्था में काम करना चाहते हैं। इसी मामले में साल 2017 में तत्कालीन उपायुक्त ने सुनवाई की थी। इसमें 975 सूचीबद्ध चालकों में 945 ने लिखित रूप से न्यूनतम मजदूरी लेने से इंकार कर दिया था। शेष जो 30 तैयार हुए उन्हें आज भी न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इधर आल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन के महामंत्री जयनारायण सिंह उर्फ साधु सिंह ने कहा है कि 975 में मात्र 30 कान्वाई चालक ही न्यूनतम मजदूरी लेते हैं। इनके लिए ही बोनस की मांग की जा रही है। यह एक सोची समझी साजिश है। कुछ लोग कान्वाई व्यवस्था को समाप्त कराना चाहते हैं। इस मामले में एक बार फिर यह विवाद श्रम विभाग के पास पहुंचा है। इसमें सुनवाई पूरी हो गई है। फैसला आना शेष है। छह जनवरी को श्रम अधीक्षक की अध्यक्षता वाली त्रिपक्षीय वार्ता में प्रबंधन ने साफ कहा था कि जो चालक पुरानी व्यवस्था के तहत काम करते हैं। उन्हें बोनस के स्थान पर एक्सग्रेसिया दिया जाता है। न्यूनतम मजदूरी वाले चालकों के साथ बोनस की बात नहीं है।