स्थल चिन्हित करने को शहर का सर्वे कर रही निगम की टीम, अक्टूबर में फाइनल होगा टेंडर
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : राजधानी में रांची नगर निगम 113 मॉड्युलर टॉयलेट स्थापित करने जा रहा है। इन माड्यूलर टॉयलेट पर दो करोड़ 81 लाख 37000 रुपये खर्च किए जाएंगे। माड्यूलर टॉयलेट स्थापित करने का खाका तैयार कर लिया गया है। टेंडर भी जारी कर दिया गया है। अक्टूबर महीने में टेंडर फाइनल होने के बाद राजधानी के 113 स्थानों पर मॉड्यूलर टॉयलेट लगा दिया जाएंगे। नगर निगम की टीम स्थल चयन के लिए सर्वे कर रही है। यह माड्यूलर टॉयलेट रांची को साफ सुथरा बनाने और यहां नागरिक सुविधाओं में इजाफा करने के मकसद से लगाए जा रहे हैं।
ये माड्यूलर टॉयलेट स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगाए जाएंगे। सरकार ने इस मिशन के तहत राजधानी में 226 सीट माड्यूलर टॉयलेट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। दो सीट वाले मॉड्युलर टॉयलेट पर दो लाख 49 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। एक सीट वाले माड्यूलर टॉयलेट पर एक लाख 24 हजार रुपये खर्च होंगे।
निगम बोर्ड की बैठक में योजना को दिलाई जाएगी मंजूरी
राजधानी में मॉड्युलर टॉयलेट स्थापित करने की योजना तैयार कर ली गई है। रांची नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम बोर्ड की बैठक में माड्यूलर टॉयलेट स्थापित करने की योजना को मंजूरी दिलाई जाएगी। इसके पहले योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
शुरू है स्थल चिन्हित करने का काम
माड्यूलर टॉयलेट कहां लगाए जाएंगे इसके लिए स्थल चिन्हित करने का काम शुरू है। रांची नगर निगम के अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े कर्मचारियों को राजधानी का सर्वे करने को कहा है। सर्वे के जरिए देखा जाएगा कि कहां-कहां माड्यूलर टॉयलेट की जरूरत है। किन बाजारों में माड्यूलर टॉयलेट नहीं हैं। उन स्थलों पर यह टायलेट लगाए जाएंगे। इसके लिए स्थल चिन्हित कर उनकी सूची तैयार की जा रही है।
पहले लगे माड्यूलर टॉयलेट की स्थिति खराब
रांची नगर निगम ने राजधानी में एक करोड़ 11 लाख रुपये 111 मॉडलर टॉयलेट का निर्माण कराया था। इन माड्यूलर टॉयलेट में से ज्यादातर बंद पड़े हैं। अधिकतर जगहों पर गंदगी है। रांची नगर निगम ने प्रत्येक टॉयलेट को साफ सुथरा रखने और वहां लगातार पानी की व्यवस्था करने के लिए ठेकेदारों की तैनाती की है। लेकिन यह ठेकेदार ज्यादातर मॉड्यूलर टॉयलेट का ध्यान नहीं रखते। रांची हाईकोर्ट के पीछे डोरंडा में बाजार में लगे मॉड्यूलर टॉयलेट की रोज देखभाल की जाती है। यहां हर दोपहर को सफाई कराई जाती है। लोगों का कहना है कि जो टॉयलेट वीआईपी स्थलों पर है उन्हीं की देखभाल होती है। गंदगी के चलते बाकी टॉयलेट का प्रयोग करने से लोग ही हिचकिचाते हैं।