जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में बाई सिक्स कर्मियों के स्थाईकरण ने नया मोड़ ले लिया है। अब राजनीतिक पार्टियां भी इस मुद्दे पर बोलने लगी हैं। इस मुद्दे पर इंटक के नेता की तरफ से बयान आने के बाद भारतीय जनतंत्र मोर्चा (भाजमो) वरिष्ठ नेता मनोज सिंह उज्जैन ने कहा है कि उद्योग के हित के साथ ही मजलूम मजदूरों को इंसाफ दिलाना जरूरी है। मुंबई हाईकोर्ट ने 240 दिन से कम काम को ही स्थाई प्रवृत्ति का काम माना है। इसलिए 200 दिन के आसपास जिन मजदूरों ने पहली बार काम किया है उसी दिन से उन्हें स्थाई माना जाना चाहिए और उन्हें पुराने ग्रेड में स्थाई कर जमशेदपुर प्लांट में ही नौकरी मिलनी चाहिए। अगर प्रबंधन ऐसा नहीं करता तो यह मजदूर के साथ अन्याय होगा। कई साल से टाटा मोटर्स में अस्थाई मजदूर से स्थाई प्रवृत्ति का काम करा कर उन्हें उचित मेहनताना और सुविधाओं से वंचित रखा गया है। ये अन्याय है और ये अन्याय खत्म होना चाहिए। मनोज सिंह उज्जैन ने कहा कि उन्हें वहां की किसी भी यूनियन से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, मजदूरों के अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए मजदूरों को कोर्ट जाना पड़ रहा है। इसका मतलब है कि संबंधित यूनियन मजदूरों की आवाज को ठीक ढंग से नहीं उठा पा रही है। मजदूर यूनियन को मजदूर की आवाज जोरदार तरीके से उठानी चाहिए और कमजोरों को न्याय दिलाना चाहिए। मनोज सिंह उज्जैन ने कहा कि झारखंड सरकार के एक मंत्री के प्रतिनिधि अपने बयान से मुद्दे को भटकाकर मजदूर के हित पर चोट करने का कुटिल प्रयास कर रहे हैं। इसे जनता अच्छी तरह से समझ रही है। मनोज सिंह उज्जैन ने कहा कि नेताओं को समझना चाहिए कि मजदूर के हक की लड़ाई में व्यवधान डालने का जनता वक्त आने पर जवाब देगी।
BJMO leader Manoj Singh Ujjain said - justice to the oppressed workers is necessary along with the interest of the industry., On the issue of Bai Six workers in Tata Motors, Tata motors, Tata Motors worker's Union, Tata Motors: टाटा मोटर्स में बाई सिक्स कर्मियों को स्थायी करने का मामला बना औद्योगिक विवाद