न्यूज़ बी रिपोर्टर : सीरिया और तुर्की में सोमवार को आए भूकंप में अब तक 2300 से अधिक लोगों की मौत हुई है। तुर्की के नूरदगी से 23 किलोमीटर पूर्व में भूकंप का सेंटर था। यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 7.8 तीव्रता का था। 1 मिनट तक भूकंप रहा और इसकी वजह से कई इमारतें धराशाई हो गई हैं। इमारतों के मलबे में अभी तक लोग दबे हुए हैं। भूकंप का असर सीरिया में तक पहुंचा। तुर्की में 1500 लोग मारे गए हैं। जबकि, सीरिया में 810 से ज्यादा जानें गई हैं। घायलों का आंकड़ा भी 2000 के पार पहुंच चुका है। तुर्की में इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की में आए इस भूकंप पर अफसोस जाहिर किया है। लेबनान में भी कई इमारतें ढह गई हैं। भूकंप के झटके लेबनान और सीरिया में भी महसूस किए गए। सीरिया के अलेप्पो और हामा में भी इमारत गिरी हैं। मध्य तुर्की में भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में 7.8 तीव्रता का था। तुर्की की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सहायता का आग्रह किया है। तुर्की रेड क्रेसेंट के अध्यक्ष ने भी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कहा है कि वह तुर्की की सहायता करें। तुर्की सरकार ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में 10 शहरों में स्कूल कॉलेज बंद करने की घोषणा की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तुर्की में भूकंप के चलते इमारतें धराशाई हो गईं। तुर्की के शहर गाजीएनटेप के एक स्थानीय निवासी एडम ने कहा कि उसने अपनी 40 साल की जिंदगी में इतना बड़ा विनाश कभी नहीं देखा। सीरिया में अलेप्पो, हामा, लटाकिया आदि शहर भूकंप की जद में आए हैं। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग की है। यहां बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रूस के प्रेसिडेंट ब्लादीमीर पुतिन ने तुर्की और सीरिया में भूकंप पर अफसोस जाहिर किया है। रूस से बचाव कार्य के लिए अधिकारियों की एक टीम सीरिया रवाना हो गई है।
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