न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : भुइयांडीह लिट्टी चौक पर गुरुवार को हूल दिवस मनाया गया। इस मौके पर लिट्टी चौक स्थित सिद्धू कानू की प्रतिमा पर झामुमो नेता दुलाल भुइयां ने माल्यार्पण किया। दुलाल भुइयां ने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन है। देश के लिए सिद्धू कान्हू ने इसी दिन अंग्रेजो के खिलाफ हूल क्रांति की शुरुआत की थी। इसे संथाल विद्रोह भी कहा जाता है। दुलाल भुइयां ने बताया कि हूल संथाली भाषा का शब्द है। जिसका मतलब होता है विद्रोह। 30 जून 1855 को आदिवासियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहली बार विद्रोह का बिगुल फूंका था। इसके बाद अंग्रेजों ने हूल क्रांति की शुरुआत करने वाले सिद्धू कान्हू को पकड़कर 26 जुलाई 1855 को भोगनाडीह में फांसी दे दी थी। चांद और भैरव को भी मार डाला था।