न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने सचिव इंद्र हेंब्रम की अगुवाई में साकची में डीसी ऑफिस के सामने मंगलवार को प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन में आदिवासी महासभा के लोग ढोल नगाड़े के साथ आए थे। प्रदर्शन के बाद डीसी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया है कि सिदगोड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में प्रोफेशनल कॉलेज की स्थापना की गई। इस कॉलेज का निर्माण दीनू भूमिज की भूमि पर किया गया है। ज्ञापन में लिखा गया है कि दीनू भूमिज को अब तक सरकार द्वारा किसी अन्य जगह भवन बनाने के लिए जमीन नहीं दी गई। ना ही मुआवजा दिया गया। उन्होंने मांग की कि दीनू भूमिज को मुआवजा दिया जाए। इंद्र हेंब्रम ने बताया कि कोल्हान में प्राकृतिक संसाधनों पर विभिन्न कंपनियों ने कब्जा कर लिया है। जमशेदपुर में भी आदिवासियों की जमीन पर टाटा स्टील ने कब्जा किया। जमशेदपुर पूर्वी इलाके में काफी जमीन टाटा स्टील के कब्जे से निकलवाई गई। लेकिन, यह जमीन रैयत को वापस नहीं की गई। मांग की गई कि यह जमीन रैयत को वापस की जाए। इंद्र हेंब्रम ने कहा कि टाटा स्टील समेत सभी कंपनियां कोल्हान में लौह अयस्क, जल आदि अन्य धातुओं की निकासी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में ही प्रशासनिक अधिकारी डीसी, एसएसपी आदि टाटा स्टील के दिए बंगले में रह रहे हैं। उनकी मांग है कि अधिकारी टाटा स्टील के बंगले को खाली करें। सरकार अपना निवास स्थान बनाए। जिसमें अधिकारी रहें। ताकि वह जनता के साथ न्याय कर सकें। अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के सचिव इंद्र हेंब्रम ने कहा कि टाटा स्टील के अधिकारी उनके बंगले में रहकर जुस्को की ही पानी बिजली का उपभोग करते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि 18 गांव को मिलाकर टाटा में औद्योगिक नगरी बनाई गई। इन गांव के आदिवासी और बाहर से आने वाले गरीब छोटे व्यापारी जो ठेला लगाकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं, को जिला प्रशासन आए दिन बलपूर्वक हटाती है। जबकि बड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाती।