डीएमए के नए निदेशक राजेश कुमार पाठक,भा प्र से ने संभाला पदभार
निदेशालय के अधिकारियों व कर्मियों ने गर्मजोशी के साथ पुष्पगुच्छ देकर किया स्वागत
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का ससमय क्रियान्वयन व लाभ लक्षित लाभुकों तक पहुंचाने का होगा प्रयास
शहरी गरीब महिलाओं के उत्थान पर होगा ज़ोर
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर: डीएमए के नए निदेशक राजेश कुमार पाठक ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया। उनके सम्मान में नगरीय प्रशासन निदेशालय, नगर विकास एवं आवास विभाग के कार्यालय परिसर में पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डीएमए के सहायक निदेशक योगेंद्र प्रसाद एवं शैलेश प्रियदर्शी व निदेशालय के अधिकारियों व कर्मियों ने नए निदेशक को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान निदेशक ने सभी अधिकारियों व कर्मियों से परिचय प्राप्त किया।
ससमय पात्र लाभुकों तक योजना का लाभ पहुंचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
अधिकारियों व कर्मियों को संबोधित करते हुए निदेशक ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को ससमय पात्र लाभुकों तक पहुंचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी को एकजुट व दृढ़संकल्प के साथ आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। योजनाओं के सफल संचालन व बेहतर कार्यान्वयन के लिए सभी नगर निकायों का सहयोग अपेक्षित है। ताकि, लोग सामाजिक, आर्थिक एवं व्यक्तिगत रूप से सशक्त व समृद्ध बन सकें। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें शहरी गरीबों के लिए कुछ बेहतर करने का मौका मिला है।
विभिन्न योजनाओं से हुए रूबरू
इस समारोह के दौरान नए निदेशक को पीएमएवाई (यू) कोषांग के राज्यस्तरीय टीम लीडर राजन कुमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और डीएवाई- एनयूएलएम योजना से संबन्धित विषयों पर अद्यतन व विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद वह योजनाओं से रूबरू हुए और बेहतर क्रियान्वयन को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए। कार्यालय अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में बेहतर प्रदर्शन हुआ है। कोरोना महामारी में कई तरह की परेशानी आई है। लेकिन संस्थान ने इस कठिन दौर में भी अपनी गति को कम नहीं होने दिया। विकास कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता शहरी क्षेत्र की गरीबी को कम करना है।
एसएचजी सदस्यों के प्रशिक्षण पर दिया जाएगा ज़ोर
निदेशक राजेश कुमार पाठक ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार गंभीर है। इसके लिए विभिन्न स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। उन्हें योजनाओं का लाभ लेने के लिए व अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए क्रमबद्ध व सुचारु रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आवश्यक है। ताकि, महिलाएं योजनाओं का लाभ लेकर न केवल अपने पैरों पर खड़ी हों, बल्कि परिवार को भी आर्थिक रूप से मजबूती देने में अहम योगदान दें।