कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर अजय ने भाषा विवाद सुलझाने को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र
जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड की नई रोजगार नीति में हिंदी को सामान्य भाषा के तौर पर शामिल करने की कांग्रेस ने मांग उठाई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ अजय ने बुधवार को यह मांग उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित परीक्षाओं में शामिल होने वाली उम्मीदवारों की अनिवार्य भाषाओं की सूची से हिंदी को उठाना दुखद है। हिंदी को हटाने से झारखंड में विवाद पैदा हो गया है। हिंदी राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में भी शिक्षा और शिक्षण का मुख्य माध्यम है। हिंदी को मूल भाषा से बाहर रखना ठीक नहीं है। यह हिंदी भाषी स्थानीय लोगों के साथ अन्याय है। हिंदी भाषी झारखंड में लंबे समय से रह रहे हैं। पूर्व सांसद डॉ अजय ने कहा कि वह समझते हैं कि झारखंड के स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हिंदी को सामान्य भाषा की श्रेणी में भी शामिल नहीं किया जाए। ऐसा करने से स्थितियां जटिल होंगी। राज्य के नागरिकों को नौकरी पाने के अधिकारों की रक्षा के लिए आरक्षण लागू कर सकते हैं। जहां केवल झारखंड के स्थानीय निवासी ही स्थानीय सरकारी नौकरियों में आवेदन कर सकें। डा अजय ने कहा कि उन्होंने अपने पिछले पत्रों में सरकार से झारखंड की क्षेत्रीय भाषा की सूची में भोजपुरी, मैथिली और अंगिका को शामिल करने का अनुरोध किया था और कहा कि इन भाषाओं की देवनागरी लिपि भी हिंदी ही है।