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नगर निगम बोर्ड की बैठक में औरंगजेब के मुद्दे पर जमकर हुआ हंगामा, बैठक स्थगित

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गेट पर धरने पर बैठ गए थे मेयर और समर्थित वार्ड पार्षद, 30 सितंबर को फिर आयोजित होगी बैठक

औरंगजेब के नाम पर अपशब्द कहने का मेयर पर अधिकारियों ने लगाया आरोप, सुबूत के तौर पर वीडियो पेश करने की बात कही

न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : रांची नगर निगम बोर्ड की बैठक में जैसा कि पहले से अंदेशा था जमकर बवाल हुआ। निर्धारित समय से लगभग एक घंटे बाद शुरू हुई बोर्ड की बैठक में राष्ट्रीय गान के बाद जैसे ही मेयर आशा लकड़ा ने माइक संभाला काली पट्टी लगाकर आए नगर निगम के अधिकारियों ने खड़े होकर औरंगजेब के नाम पर अपशब्द कहने के मुद्दे को लेकर बोर्ड की बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर निकल गए। उनके बाहर जाते ही हंगामा शुरू हो गया। बाद में मान मनव्वल कर अधिकारियों को लाया गया और कहा गया कि मैडम खेद प्रकट करेंगी। लेकिन अधिकारियों के सभागार में आने के बाद मेयर ने अधिकारियों से जनता के हित में अपनी जुबान फिसलने की बात कहते हुए बोर्ड की बैठक शुरू करने की बात कही। लेकिन अधिकारी इस बात पर अड़े रहे कि मेयर माफी मांगें। इसी को लेकर एक वार्ड पार्षद रोशनी खलखो जब अपनी बात रख रही थीं तो अधीक्षण अभियंता रमाशंकर राम ने उनसे बीच में ना बोलने को कहा। इसे लेकर मेयर खड़ी हो गईं और नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गईं। डिप्टी मेयर और मेयर के समर्थित वार्ड पार्षद भी बाहर चले गए और बोर्ड की बैठक और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। बाद में लगभग 2:30 बजे मेयर और नगर आयुक्त सभागार पहुंचे। सभी वार्ड पार्षद भी पहुंचे और मेयर ने बैठक स्थगित करने का ऐलान कर दिया। यह बैठक अब 30 सितंबर को फिर बुलाई जाएगी। इस तरह नगर निगम की ये बैठक भी बेनतीजा रही और हंगामे की भेंट चढ़ गई।

  रांची नगर निगम की यह बैठक सुबह 11:00 बजे होनी थी। लेकिन नगर निगम के अधिकारी उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार समेत अन्य अधिकारी बैठक में आने के लिए तैयार नहीं थे। अधिकारियों का कहना था कि मेयर ने लगभग एक महीना पहले एक मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए औरंगजेब का नाम लेकर अपशब्द कहा। मोटी चमड़ी होने की बात कहते हुए कहा था कि जनता ऐसे अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर मारेगी। अधिकारियों का कहना था कि वह तब से ही आंदोलनरत हैं और जब तक मेयर माफी नहीं मांगेंगी। वह नहीं मानेंगे। इसलिए वह बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

 इसके बाद वार्ड पार्षद नाजमा रजा के नेतृत्व में कुछ वार्ड पार्षद नगर आयुक्त से मिले और उन से अनुरोध किया कि वह अधिकारियों को बोर्ड की बैठक में आने को कहें। नगर आयुक्त ने अधिकारियों से बात की और इसके बाद अधिकारी बोर्ड की बैठक में आने को तैयार हुए। तब जाकर लगभग 12:00 बजे नगर आयुक्त सभागार में पहुंचे। इसके बाद 12:05 पर अधिकारी भी एक-एक करके सभागार में पहुंचे। सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार, उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार, टाउन प्लानर श्रीकांत सरन उप नगर आयुक्त शीतल कुमारी आदि काली पट्टी लगाए हुए थे। तभी आभास हो गया था कि बैठक में बवाल होगा। अधिकारियों ने आते ही माइक लेकर ऐलान किया कि मेयर ने उन्हें औरंगजेब के नाम पर गाली दी है। इसलिए वह लोग बोर्ड की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि बोर्ड की बैठक में जो भी फैसला होगा। उसको वह लोग मानने के लिए तैयार हैं और उस पर अमल करेंगे। इसके बाद अधिकारी बाहर चले गए। जब अधिकारी बाहर जा रहे थे तो मेयर ने उन्हें रोकने की कोशिश की और कहा कि सभी अधिकारी जनता के हित में बोर्ड की बैठक में शामिल हों। पुरानी बात भूल जाएं। लेकिन अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी और सभी बाहर चले गए। इसके बाद वार्ड पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। वार्ड पार्षद भी अधिकारियों को रोक रहे थे। बाद में वार्ड पार्षद सभागार से बाहर निकले और गेट पर खड़े अधिकारियों से अंदर आने को कहा। अधिकारियों ने कहा कि जब तक मेयर माफी नहीं मांगतीं। वह नहीं आएंगे। इस पर उन्हें समझाया गया कि मेयर कुछ बोल रही हैं। सभी अधिकारी अंदर आ जाएं। नगर आयुक्त ने भी अधिकारियों से अंदर आने को कहा। इसके बाद सभी अधिकारी अंदर पहुंचे और अंदर आकर सभी के कहने पर मेयर ने कहा कि अधिकारी पुरानी बातों को भूल जाएं। उनकी जबान फिसल गई थी। अधिकारी जनहित में काम करें। लेकिन अधिकारी इससे संतुष्ट नहीं हुए। अधिकारियों का कहना था कि मेयर माफी मांगें। इस पर वार्ड पार्षद ने भी खड़े होकर कहा कि मेयर ने अधिकारियों के लिए औरंगजेब के नाम पर जो कुछ कहा है वह अशोभनीय और अनर्गल है। मेयर को माफी मांग लेनी चाहिए। इसके बाद मेयर समर्थित वार्ड पार्षद रोशनी को खलखो बोल ही रही थीं कि मेयर ने जो कुछ कहा है उसे मान कर अधिकारी अपनी जिद छोड़ दें और बैठक में हिस्सा लें। तभी अधिकारियों की तरफ से अधीक्षण अभियंता रमाशंकर राम ने माइक लिया और रोशनी खलखो को बीच में न बोलने की हिदायत दी। इसी बात पर मेयर समर्थित वार्ड पार्षद खड़े होकर हंगामा करने लगे। अधिकारियों से कहने लगे कि वह जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें। वार्ड पार्षद रोशनी खलखो को इस तरह मत बोलें। तभी मेयर अपनी सीट से खड़ी हो गईं और नारा लगाने लगी जनप्रतिनिधि का सम्मान करना होगा। वार्ड पार्षद भी नारा लगाते हुए मेयर के साथ बाहर निकले और गेट पर धरने पर बैठ गए। कुछ वार्ड पार्षदों ने नगर निगम की तालाबंदी की बात कही। लेकिन मेयर ने कहा कि अभी सिर्फ धरना दिया जाएगा। धरना चल ही रहा था कि लगभग 2:30 बजे नाजमा रजा, वार्ड पार्षद साजदा खातून, शबाना खान, नसीम गद्दी, मोहम्मद फिरोज आदि नगर आयुक्त से मिले और फिर मेयर से भी बात की। तय हुआ कि 30 सितंबर को बोर्ड की फिर बैठक बुलाई जाए।इस बैठक को स्थगित किया जाए। इसके बाद 2:35 बजे मेयर सभागार में पहुंची। थोड़ी देर बाद नगर आयुक्त भी पहुंचे और मेयर ने बैठक स्थगित करने का एलान कर दिया।

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