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इको फ्रेंडली होगा जाकिर हुसैन पार्क, तैयार हो रहा हर्बल गार्डन

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नगर आयुक्त समेत निगम के अधिकारियों व वार्ड पार्षदों ने लिया पार्क का आनंद

जागरण संवाददाता, रांची : आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर रांची नगर निगम के 75 घंटे के चैलेंज के तहत गुलजार जाकिर हुसैन पार्क को इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है। पार्क में किसी भी तरह के प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। यही नहीं पार्क में एक हर्बल गार्डन तैयार किया जा रहा है। इसमें दुर्लभ हर्बल पौधे लगाए जा रहे हैं। ताकि पार्क घूमने आने वाले बच्चे इन पौधों को जान सकें। सभी पौधों के पास उनका नाम और विवरण भी एक बोर्ड पर लिखा होगा। पार्क को लोगों के लिए खोल दिया गया है।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 8 साल से बंद इस जाकिर हुसैन पार्क को रांची नगर निगम ने 100 श्रमिकों की मदद से 75 घंटे में चमाचम कर दिया है। जाकिर हुसैन पार्क अब उसी स्थिति में है जैसी यह शुरुआत में था। मंगलवार को नगर आयुक्त मुकेश कुमार रांची नगर निगम के अन्य अधिकारियों उप नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन और वार्ड पार्षदों के साथ जाकिर हुसैन पार्क पहुंचे। अधिकारियों और वार्ड पार्षदों ने पार्क का लुत्फ उठाया। पार्क में बच्चों के झूलने के लिए झूले लगाए गए हैं। अन्य मनोरंजक साजो सामान लगे हैं। रांची नगर निगम के अधिकारियों और वार्ड पार्षदों ने झूला झूला और काफी देर तक पार्क का आनंद लिया।

पुराने टायरों की मदद से बनाए गए हैं मनोरंजक झूले

8 साल से बंद रहने की वजह से पार्क के झूले और अन्य मनोरंजन के साधन खराब हो गए थे। इन्हें ठीक किया गया है। पुराने टायरों की मदद से बेंच बना कर लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पुराने टायरों से झूले भी बनाए गए हैं। कुछ नए झूले भी लगाए गए हैं। पार्क में लाइटिंग कर दी गई है। रात में पूरा पार्क जगमग हो जाता है। मुख्यमंत्री हेमंंत सोरेन ने नगर निगम को पार्क का जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया था। उनके निर्देश के बाद ही जाकिर हुसैन पार्क का जीर्णोद्धार किया गया है।

प्लास्टिक के प्रयोग पर रहेगी पाबंदी

पार्क की कैंटीन भी ठीक कर दी गई है। जल्द ही कैंटीन भी शुरू कर दी जाएगी। पार्क में प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक के अन्य सामान आदि लाने की पाबंदी है। कैंटीन में बिकने वाले बच्चों के कुरकुरे, चिप्स आदि उन्हें खोल कर प्लेट में दिए जाएंगे। अमूमन कुरकुरे व चिप्स आदि खरीदने के बाद उसकी प्लास्टिक पार्क में ही लोग फेंक देते हैं। प्लेट में कुरकुरे व चिप्स देने से फायदा होगा कि यहां वहां प्लास्टिक नहीं फेंकी जाएगी। चाय भी प्लास्टिक के कप में बेचने की मनाही रहेगी। कुल्हड़ या गिलास में चाय बेची जाएगी।

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चलाएंगी पार्क

इस बात को स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चलाएंगी। यह महिलाएं पार्क की देखरेख करेंगी। जल्द ही रांची नगर निगम के अधिकारी किसी एक महिला समूह का चयन कर उसे पार्क का प्रबंध सौंपेंगे। पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क निर्धारित करने पर मंथन चल रहा है। नगर निगम के अधिकारी इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि पार्क में आने के लिए लोगों से कितना शुल्क लिया जाए। माना जा रहा है कि यह शुल्क 5 रुपये के आसपास होगा। अधिकारियों का कहना है कि शुल्क से जो वसूली होगी। उसे पार्क की मरम्मत पर खर्च किया जाएगा। कुछ अधिकारी बच्चों का प्रवेश मुफ्त करने की बात भी कह रहे हैं। जल्द ही इस संबंध में फैसला हो जाएगा।

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